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महावीर जयंती क्यों मनाई जाती है?, Mahavir Jayanti kyu manayi jati hai?

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Mahavir Jayanti kyu manayi jati hai?: महावीर जयंती जैन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे प्रमुख और पावन पर्वों में से एक है। यह पर्व भगवान महावीर स्वामी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। यह दिन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सत्य, अहिंसा, करुणा और आत्मसंयम के आदर्शों की पुनःप्रेरणा भी देता है।

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कौन थे भगवान महावीर?

भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में वाज्जी गणराज्य के कुंडलपुर (वर्तमान बिहार) में हुआ था। उनके बचपन का नाम वर्धमान था। वे राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के पुत्र थे। महावीर स्वामी ने 30 वर्ष की आयु में घर-बार त्यागकर सत्य की खोज में तपस्या शुरू की और 12 वर्षों की कठोर साधना के बाद उन्हें कैवल्य ज्ञान (मोक्ष) की प्राप्ति हुई।


महावीर जयंती का महत्व

महावीर जयंती केवल एक जन्मोत्सव नहीं, बल्कि उनके सिद्धांतों और शिक्षाओं की याद दिलाने का अवसर होता है। उन्होंने जीवन भर अहिंसा (non-violence), सत्य (truth), अस्तेय (non-stealing), ब्रह्मचर्य (celibacy) और अपरिग्रह (non-possession) का संदेश दिया।

Mahavir Jayanti kyu manayi jati hai?

क्यों मनाई जाती है महावीर जयंती?

  1. धार्मिक श्रद्धा: यह दिन महावीर स्वामी की शिक्षाओं को याद करने और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेने का होता है।
  2. शांति और अहिंसा का प्रचार: महावीर स्वामी के सिद्धांत आज के समाज में भी उतने ही प्रासंगिक हैं। यह दिन उनके द्वारा प्रचारित शांति और करुणा की भावना को आगे बढ़ाता है।
  3. सामाजिक समरसता: उनके विचारों ने जात-पात, भेदभाव और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई। यह पर्व समाज में एकता और समता का संदेश देता है।
  4. आत्मविश्लेषण का दिन: अनुयायी इस दिन आत्मशुद्धि, तपस्या और दान-पुण्य में लीन रहते हैं।
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कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती?

  • जैन मंदिरों में विशेष पूजन और रथयात्रा का आयोजन होता है।
  • प्रवचन और उपदेश के माध्यम से महावीर स्वामी की शिक्षाएं साझा की जाती हैं।
  • अन्नदान, वस्त्रदान, चिकित्सा शिविर जैसे सेवा कार्य किए जाते हैं।
  • कई लोग इस दिन अहिंसक जीवनशैली अपनाने का संकल्प लेते हैं।

महावीर जयंती केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है, जो मानवता को करुणा, संयम और अहिंसा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। महावीर स्वामी की शिक्षाएं न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति के लिए मार्गदर्शक हैं।

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