हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? hanuman jayanti kyu manai jaati hai?

हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? hanuman jayanti kyu manai jaati hai?
hanuman jayanti kyu manai jaati hai? हनुमान जयंती हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा को बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? इस लेख में हम इसी प्रश्न का उत्तर विस्तार से जानेंगे।

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Hanuman jayanti kyu manai jaati hai?
हनुमान जी का जन्म और महत्व
भगवान हनुमान को “अंजनी पुत्र”, “मारुति नंदन”, “बजरंगबली” और “राम भक्त हनुमान” जैसे कई नामों से जाना जाता है। वे पवन देव के वरदान से माता अंजनी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे, इसलिए उन्हें “पवनपुत्र” भी कहा जाता है।
हनुमान जी को असीम बल, बुद्धि, भक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। रामायण और कई पुराणों में उनका उल्लेख मिलता है। श्रीराम के प्रति उनकी भक्ति, सेवा और समर्पण अद्वितीय है। यही कारण है कि वे करोड़ों भक्तों के प्रेरणा स्रोत हैं।
हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?
हनुमान जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य भगवान हनुमान के जन्म को याद करना और उनके गुणों से प्रेरणा लेना है। यह दिन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा से जीवन में किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
भगवान हनुमान ने रावण से युद्ध में श्रीराम की मदद की, संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण को जीवनदान दिया, और अपने पराक्रम से असंभव को संभव बनाया। उनकी यही अद्वितीयता उन्हें “कलियुग के जीवंत देवता” बनाती है।

हनुमान जयंती पर क्या किया जाता है?
- हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा और हवन: भक्त इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करते हैं।
- व्रत और उपवास: कई श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान हनुमान के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं।
- झांकियाँ और शोभा यात्राएँ: कई जगहों पर भगवान हनुमान की झांकी निकाली जाती है, जिसमें उनकी जीवन कथाओं को दर्शाया जाता है।
- दान-पुण्य: इस दिन लोगों में गरीबों को अन्न, वस्त्र और जरूरत की चीजें दान करने की परंपरा भी है।

हनुमान जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन के महान आदर्शों की ओर अग्रसर करने वाला अवसर है। यह दिन हमें भगवान हनुमान की तरह निडर, पराक्रमी और सच्चा भक्त बनने की प्रेरणा देता है। उनकी भक्ति और सेवाभाव हमें सिखाता है कि सच्चे मन से किया गया कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता।