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Japanese urban Hanako-san horror story in Hindi: हनाको-सान और स्कूल का शापित टॉयले

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Japanese urban Hanako-san horror story in Hindi

Japanese urban Hanako-san horror story in Hindi: हनाको-सान और स्कूल का शापित टॉयले

Chapter 1: स्कूल का रहस्य

जापान के एक छोटे से शहर में मिनाटो हाई स्कूल नामक एक पुराना स्कूल था। स्कूल के तीसरे माले के तीसरे टॉयलेट को लेकर एक डरावनी कहानी मशहूर थी—हनाको-सान की कहानी।

कहा जाता था कि अगर कोई रात के 12 बजे तीसरे टॉयलेट के दरवाजे पर तीन बार दस्तक देता और धीरे से कहता, “हनाको-सान, क्या तुम वहाँ हो?” तो अंदर से एक धीमी, सर्द आवाज़ आती—”हाँ, मैं यहाँ हूँ…”

कई छात्रों ने इस कहानी को मज़ाक समझा, लेकिन कुछ ने दावा किया कि उन्होंने उस टॉयलेट में सरसराहट, धीमे रोने की आवाज़ें और अजीब परछाइयाँ देखी थीं।

Japanese urban Hanako-san horror story in Hindi: हनाको-सान और स्कूल का शापित टॉयले

Chapter 2: तीन दोस्तों की भूल

एक दिन, अया, ताकेशी और मिको नाम के तीन दोस्त स्कूल में देर रात तक रुके हुए थे। ताकेशी को भूत-प्रेत की कहानियों पर विश्वास नहीं था, इसलिए उसने चुनौती दी, “चलो हनाको-सान को बुलाते हैं, देखते हैं क्या होता है!”

अया और मिको डर गए, लेकिन ताकेशी ज़िद कर रहा था। आखिरकार, वे तीसरी मंज़िल के तीसरे टॉयलेट तक पहुँचे।

ताकेशी ने मुस्कुराते हुए दरवाजे पर तीन बार दस्तक दी और कहा, “हनाको-सान, क्या तुम यहाँ हो?”

कुछ सेकंड तक खामोशी छाई रही। फिर, एक धीमी, सर्द आवाज़ आई—

“हाँ… मैं यहाँ हूँ…”

अया और मिको की साँसें अटक गईं। ताकेशी ने घबराकर दरवाजा खोला। अंदर कुछ नहीं था—सिर्फ एक पुराना, टूटा हुआ शीशा और जाले लगे कोने।

“देखा? कुछ भी नहीं!” ताकेशी हँसने लगा।

लेकिन तभी… दरवाजा अपने आप ज़ोर से बंद हो गया!

Japanese urban Hanako-san horror story in Hindi: हनाको-सान और स्कूल का शापित टॉयले

Chapter 3: हनाको-सान का प्रकोप

अचानक, टॉयलेट का शीशा काले धुएँ से भर गया और उसमें एक छोटी लड़की की परछाईं उभर आई। उसके छोटे बाल थे, लाल स्कर्ट पहनी थी, और उसकी आँखों में गहरा अंधेरा था।

“तुमने मुझे बुलाया… अब जाओगे नहीं!”

हनाको-सान की आवाज़ अब गहरी और खौफनाक हो गई थी। ताकेशी के पैर ज़मीन से चिपक गए, उसकी आँखों में अजीब सफेदी छाने लगी।

अया और मिको ने ताकेशी का हाथ पकड़कर उसे बाहर खींचने की कोशिश की, लेकिन हनाको-सान की परछाईं ने उसे पकड़ लिया।

अगली सुबह, ताकेशी कभी नहीं मिला।

स्कूल प्रशासन ने उसे लापता घोषित कर दिया, लेकिन अया और मिको जानते थे कि वो कहीं नहीं गया था… बल्कि अब उसी टॉयलेट का हिस्सा बन चुका था।

कुछ दिनों बाद, स्कूल के एक छात्र ने गलती से वही प्रक्रिया दोहराई।

इस बार, शीशे में ताकेशी की परछाईं भी दिखाई दी।

अब, हनाको-सान अकेली नहीं थी।

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