प्रसिद्ध रेडियो हस्ती अमीन सयानी का बुधवार को 91 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकने से अस्पताल में निधन हो गया है , अमीन सयानी बेटे राजिल सयानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिता जी को मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल भर्ती करवाया गया था लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके और हार्ट फेलियर चलते उनका निधन हो गया।
अमीन सयानी का शानदार सफर
अमीन सयानी एक प्रसिद्ध भारतीय रेडियो और टेलीविजन प्रस्तोता और डिस्क जॉकी हैं जिन्होंने भारतीय मीडिया के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने भारतीय रेडियो पर लोकप्रिय शो “बिनाका गीतमाला” के जरिए लोगों के दिलों में जगह बनाई। उनका व्यक्तित्व, आवाज और उनका अंदाज उन्हें एक अलग ही स्थान देता है। उन्होंने अपने शब्दों से लाखों लोगों को प्रभावित किया है और उन्हें संगीत के महत्व को समझने में मदद की है।
अमीन सयानी का जन्म और परिवार
अमीन सयानी का जन्म 13 मई 1932 को हुआ था। उनका बचपन बॉम्बे (अब मुंबई) में बीता। उनके पिता का नाम हमीद हुसैन सयानी था, जो एक प्रसिद्ध रेडियो प्रसारक थे। अमीन सयानी ने अपनी पढ़ाई बॉम्बे में पूरी की और वहीं से अपने करियर की शुरुआत की।
अमीन सयानी के करियर की इस तरह हुई शुरुआत
अमीन सयानी ने 1952 में रेडियो कार्यक्रमों की दुनिया में प्रवेश किया और बाद में अपना खुद का शो “बिनाका गीतमाला” शुरू किया, जिसने भारत में लोकप्रियता हासिल की। इस शो के जरिए उन्होंने लोगों को नए और पुराने गानों का आनंद दिलाया और संगीत की दिशा बदल दी।
अमीन सयानी को उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कार मिले हैं और उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार जैसे महत्वपूर्ण सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। उनके योगदान के सम्मान में उन्हें राष्ट्रीय उपाधि “पद्मश्री” से सम्मानित किया गया।
रेडियो के क्षेत्र में अमीन सयानी के अद्वितीय योगदान ने उन्हें भारतीय मीडिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया और उन्हें एक प्रसिद्ध और सम्मानित व्यक्तित्व बना दिया।
अमीन सयानी की कहानी उनके योगदान और प्रेरणादायक जीवन से जुड़ी है। उन्होंने रेडियो की दुनिया में एक नई दिशा स्थापित की और अपनी खासियत से लोगों के दिलों में जगह बनाई। उनके व्यक्तित्व और मधुर आवाज़ ने लोगों को आकर्षित किया और उन्हें रेडियो पर ले आये।
अमीन सयानी को अपने करियर के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा लड़ते रहे। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और जिंदादिली ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
अमीन सयानी की कहानी और उनका योगदान बच्चों से लेकर बड़ों तक कई लोगों को प्रेरित करता है। उनकी जीवनी में हम सभी के सीखने के लिए उनके संघर्ष, सफलता और मानवता के अनूठे संदेश हैं।
आवार्ड का नाम | वर्ष | पुरस्कृत निकाय |
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पद्मश्री | 2009 | भारत सरकार |
गुलशन कुमार अवार्ड | 1992 | गुलशन कुमार फाउंडेशन |
अखिल भारतीय मीडिया महासंघ लाइफटाइम आचीवमेंट अवार्ड | 2007 | अखिल भारतीय मीडिया महासंघ |
कलाकार, गीत गीतमाला शीर्ष गीत सूची में शामिल हैं
1954-1993 तक वार्षिक वर्षांत सूचियाँ भी प्रसारित की गईं। लता मंगेशकर (19), मोहम्मद रफ़ी (8), किशोर कुमार (6), मुकेश (6), अलका याग्निक (5), उदित नारायण (4) और आशा भोंसले (3) उन गायकों में से थे जिनके गाने प्रतिष्ठित पर बजाए गए। रेडियो. अक्सर आते रहते थे.
सीरियल नंबरगानासिंगरफिल्म / एल्बम1एक दिन बिक जायेगामुकेशधरती का लाल2प्यार हुआ इकराराशंकर-जयकिशनश्री ४२०3ये रातें ये मौसमकिशोर कुमारधरती4मेरे सपनों की रानीकिशोर कुमारअराधना5अजी रूठ कर अब कहाँमोहम्मद रफ़ीआर्ज़ू6ओ मेरे सपनों के राजकुमारलता मंगेशकरअराधना7आजा रे परदेसीलता मंगेशकरमदमस्त |
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मेरा जूता मिस्टर 420 (1955), सी.आई.डी. से जापानी है। ऐ दिल है मुश्किल से जीना यहां थे. (1956), हाल कैसा है जनाब का से चलती का नाम गाड़ी (1959), द प्रॉमिस यू हैव टू कीप से ताज महल (1962), बिंदिया चमकेगी चूड़ी खनकेगी से दो रास्ते (1970)।